Protien structure, function,classification in hindi

   Protien structure, function,classification in hindi  ,What is protein(प्रोटीन क्या होता है):-


प्रोटीन वह कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो मुख्य रूप से कार्बन, हाइड्रोजन,ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन इत्यादि तत्वों से मिलकर बने होते है।ये अमीनो एसिड के बहुलक होते है अथार्त ये अमीनो एसिड के कई अणुओ से मिलकर बने होते है। प्रोटीन शब्द का सर्वप्रथम उपयोग वर्जिलीयस ने सन 1838 में किया था।प्रोटीन शब्द ग्रीक भाषा के प्रोटियस नामक शब्द से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ प्राथमिक होता है।
प्रोटीन सभी जीवो में पाया जाता है।
इनका सामान्य सूत्र NH2R-CH-COOH होता है।

इनमे क्रियात्मक समूह के रूप में अमीनो समूह(NH2) तथा करबोक्सिसलिक समूह(COOH) दोनो ही पाए जाते है।यह दोनों समूह आपस मे पेप्टाइड बॉन्ड द्वारा जुड़े हुए रहते है और इस प्रकार यह अमीनो एसिड पेप्टाइड बॉन्ड के द्वारा लम्बी श्रृंखलाओं का निर्माण करते हैऔर प्रोटीन की संरचना को जटिल बनाते है।

Peptide Bond( पेप्टाइड बॉन्ड):-


जब 2 अमीनो एसिड एक दूसरे से जुड़ते हैं तो जो बांड बनता है वह पेप्टाइड बॉन्ड कहलाता है। इस प्रकार के बॉन्ड में 1 अमीनो एसिड का अमीनो समूह(NH2) दूसरे अमीनो एसिड के करबोक्सिसलिक समूह(COOH) से जुड़ता है। इस प्रकार एक पेप्टाइड बॉन्ड बनने पर जल का एक अणु मुक्त होता है
इस प्रकार दो अमीनो एसिड से बनी श्रंखला डाई पेप्टाइड, तीन अमीनो एसिड से बनी श्रंखला ड्राई पेप्टाइड, चार अमीनो एसिड से बनी श्रंखला टेट्रापेप्टाइड तथा बहुत सेअमीनो एसिड से मिलकर बनी श्रंखला को पॉलिपेप्टाइड कहा जाता है।

Composition of protien( प्रोटीन का संगठन):-

 रासायनिक संरचना की दृष्टि से प्रोटीन में कार्बन (Carbon 50-55%), ऑक्सीजन (Oxygen 20-24%), हाइड्रोजन (Hydrogen 7%), नाइट्रोजन(Nitrogen 13-17%), सल्फर (Sulphur 0.3-0.5%) इत्यादि तत्व पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ प्रोटींस में आयरन (Iron), फास्फोरस (phosphorus), कॉपर (Copper),कैल्शियम (Calcium) तथा आयोडीन(Iodine) भी अल्प मात्रा में पाए जाते हैं।

Structure of protien( प्रोटीन की संरचना):-

जैसा कि हम जानते हैं कि सभी प्रोटींस रासायनिक रूप से अमीनो एसिड से मिलकर बने होते हैं। प्रोटीन में पाए जाने वाले अमीनो एसिड विभिन्न प्रकार की श्रृंखलाओं के रूप में व्यवस्थित रहते हैं। प्रोटीन में उपस्थित इन अमीनो एसिड की श्रृंखलाओं की संरचना के आधार पर प्रोटीन की संरचना को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है-
१.primary structure ( प्राथमिक संरचना)
२.Secondary structure ( द्वितीयक संरचना)
३.Tertiary structure ( तृतीयक संरचना)
४.Quatenary structure ( चतुर्धातुक संरचना )
जब प्रोटीन मैंअमीनो एसिड की श्रृंखलाएं एक क्रम में व्यवस्थित रहती हैं तो उसे प्रोटीन की प्राथमिक संरचना कहते हैं ।परंतु जब यह अमीनो एसिड की श्रृंखलाएं विभिन् क्रमो मैं व्यवस्थित होकर गेंद या Helix का रूप ले लेती है तो यह संरचना प्रोटीन की द्वितीयक संरचना कहलाती है ।प्रोटीन की यह संरचना हाइड्रोजन बंध पर निर्भर करती है । बॉन्ड ज्यादा बन जाने के कारण बड़ी पॉलिपेप्टाइड श्रंखलाओ का  कुंडलीकरण हो जाने से यह और अधिक जटिल हो जाती है और इस प्रकार की संरचना प्रोटीन की तृतीयक संरचना कहलाती है। जिसके फल स्वरुप प्रोटीन और अधिक द्रण हो जाती है ।
प्रोटीन की चतुर्धातुक संरचना मैं अमीनो एसिड की विभिन्न आकार की संरचनाएं पाई जाती हैं।

Classification of protein ( प्रोटीन का वर्गीकरण):-

प्रोटीन विभिन्न प्रकार के कार्य करते हैं और इनकी संरचना है अनेक प्रकार की होती हैं यह लगभग सभी जीवो में पाए जाते हैं प्रोटीन का वर्गीकरण उनके गुणों के आधार पर  कई प्रकार से  किया गया है -

A. Bassed on Molecular structure(आणविक संरचना के आधार पर):-

 प्रोटीन में पाए जाने वाले अणुओं की संरचना के आधार पर प्रोटीन को मुख्य रूप से दो वर्गो में विभाजित किया गया है-
१.Fibrous protein
२.Globular protein

१.Fibrous protein:-

 इस प्रकार के प्रोटीन के अणु कुछ इस प्रकार के होते हैं कि उनमें फैलने व सिकुड़ने का गुण पाया जाता है । संभवत यह प्राथमिक प्रोटीन होते हैं क्योंकि यह तुलनात्मक रूप से जल में अघुलनशील होते हैं। इस प्रकार के प्रोटीन बाल, नाखून, टेंडन व लिगामेंट में पाए जाते हैं।

२.Globular protein:-

इस प्रकार के प्रोटीन के अणु गोलाकार आकृति के होते हैं। यह  जल में घुलनशील होते हैं और इनमें फैलने व सिकुड़ने का गुण नहीं पाया जाता है। इस प्रकार के प्रोटीन सभी एंजाइम ,अंडे की एल्बुमिन ,हिमोग्लोबिन ,सर्प और बिच्छू के विष इत्यादि में पाए जाते हैं।

B.Bassed on chemical composition (रासायनिक संगठन के आधार पर):-

 प्रोटीन में पाए जाने वाले अमीनो एसिड अन्य तत्वों के आधार पर प्रोटीन को  तीन भागों में बांटा गया है-
1.Simple protein
2.Conjugated protien
3.Derived protein

1.Simple protein( साधारण प्रोटीन):-

इस प्रकार के प्रोटीन केवल अमीनो एसिड से मिलकर बने होते हैं अर्थात यह शुद्ध प्रोटीन होते हैं। जल में घुलनशीलता के आधार पर इन्हें फिर से निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-
a.Albumin
b.Globulin
c.Prolamins
d.Albuminoids
e.Glutonius
f.Basic proteins etc.

2.Conjugated protien( संयुग्मी प्रोटीन):-

इस प्रकार के प्रोटीन में अमीनो एसिड के अणुओ के साथ अन्य अप्रोटीन पदार्थ भी जुड़े रहते हैं। इन अप्रोटीन पदार्थों को Prosthatic group ( प्रोस्थेटिक समूह) कहते हैं। इन प्रोस्थेटिक समूहों को जल अपघटन के द्वारा आसानी से अलग किया जा सकता है। इन प्रोस्थेटिक समूहों के आधार पर संयुग्मी प्रोटीन निम्न प्रकार के होते हैं-
a.Nucleoprotein
b.Glycoprotein
c.Lipoprotein
d.phosphoprotrein
e.Chromprotein
f.Metalloprotein

3.Derived protein( व्युत्पन्न प्रोटीन):-

इस प्रकार के प्रोटीन प्राकृतिक प्रोटीन के जल अपघटन से बनते हैं। हमारे ब्लड का इंसुलिन तथा फाइब्रिन प्रोटीन इसी प्रकार के प्रोटीन होते हैं।

Function of proteins( प्रोटीन के कार्य):-

प्रोटीन हमारे जीवन का आधार होते हैं क्योंकि यह जीवन के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं प्रोटीन अनेक प्रकार के कार्य करते हैं प्रोटीन के कार्यों को इस प्रकार समझ सकते हैं -

1. प्रोटीन शरीर की टूटी फूटी कोशिकाओं की मरम्मत का कार्य करता है और नई कोशिकाओं का निर्माण करता है जिससे जीवन की निरंतरता बनी रहती है।
2. सभी प्रकार के एंजाइम रासायनिक रूप से प्रोटीन होते हैं जो शरीर की विभिन्न जैवरासायनिक अभिक्रिया को उत्तप्रेरित करते हैं।
3. प्रोटीन हार्मोन के रूप में शरीर के विभिन्न अंगों को उत्तेजित करने का कार्य करते हैं।
4. प्रोटीन हिमोग्लोबिन का निर्माण करता है जो शरीर में गैसो के परिवहन मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. प्रोटीन कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है जिससे शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है और शरीर के विभिन्न भागों में वृद्धि होती है।
6. प्रोटीन शरीर में मांसपेशियों के निर्माण और विकास के लिए आवश्यक होते है।
7. प्रोटीन अनुवांशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाने में सहायता करते हैं।
8. कुछ प्रोटीन जैसे कि एक्टिंन, कॉलेजन तथा फाइब्रिन शरीर के विभिन्न अंगों को गति प्रदान करने में सहायता करते हैं।
9. कोशिका का झिल्ली तंत्र का निर्माण प्रोटीन से होता है।
10. प्रोटीन शरीर की सामान्य वृद्धि और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
jacksprrow

hi my name is Jeetendra Royal and i am a researcher. I am discoverd science things and facts, explain natural phenomena and explore that in a simple way. There I will share Every science topics like Anatomy, Biochemistry, Cytology, Microbiology etc.

एक टिप्पणी भेजें

please do not enter any spam link in the comment box and if you have any doughts?? you can ask us.

और नया पुराने